Difference between Wildlife Sanctuary and National Park
अभ्यारण और राष्ट्रीय उद्यान अंतर
भौगोलिक स्थिति (Geographical knowledge) -
भारत, बायो डाइवर्सिटी की दृष्टी से एक समृद्ध देश हैI यहाँ लगभग 7.6% स्तनधारी, 6.2% सरीसृप, 12.6% पक्षी, और 6.0% फूलों की पौधों की प्रजातियां मिलती हैं। हमारे देश के कई पारिस्थितिक क्षेत्रों जैसे पश्चिम घाट , पूर्वोत्तर क्षेत्र आदि में वनों और जीवों की स्थानीय प्रजातियाँ मिलती हैं अर्थात् ऐसी प्रजातियाँ जो विश्व में केवल यहीं मिलती हैं I भारत में वन उष्णकटिबंधीय वर्षावन, पश्चिमी घाट और पूर्वोत्तर भारत से लेकर हिमालयी क्षेत्र में शंकुधारी जंगलों तक फैले हुए हैं।
आपमें से अधिकतर लोग रणथम्भौर, पन्ना और जिम कार्बेट जैसे वनों में जाने का प्लान करते होंगे और कुछ लोग तो यहाँ गए भी होंगे लेकिन क्या कभी आपने ये जानने का प्रयास किया है कि, दोनों ही क्षेत्रों में लगभग समान वन और जानवर होते हैं फिर भी दोनों में अंतर होता है?
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 भारत में संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना का प्रावधान करता है।
लोगों के लिए वाइल्डलाइफ सेंचुरी और नेशनल पार्क्स के बीच अंतर और समानता को समझना महत्वपूर्ण है।
National Park-
🪐भारत में National Park, IUCN (The World Conservation Union) केटेगरी II में संरक्षित क्षेत्र हैं। भारत का पहला National Park 1936 में स्थापित किया गया था, जिसे अब उत्तराखंड में जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। 1970 तक, भारत में केवल पाँच National Park थे। 1972 में, भारत ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर को संरक्षण निर्भर प्रजातियों के आवासों की सुरक्षा के लिए अधिनियमित किया। अब भारत में 106 National Park हैं।
🪐भारत सरकार ने देश के वन्यजीवों के संरक्षण, अवैध शिकार, तस्करी और जीवों के अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से 1972 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम बनाया था।
🪐National Park किसी क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र, अर्थात् वनस्पतियों, जीवों, लैंडस्केप आदि को सुरक्षा प्रदान करते हैं। National Park न केवल वन्यजीवों का संरक्षण करते हैं बल्कि वहां मिलने वाले पौधों और वनस्पतियों का भी संरक्षण करते हैं जिससे आने वाली पीढ़ियां भी प्राकृतिक वनस्पतियों और जीवों के विषय जान सकें।
🪐National Park में मानवीय गतिविधियाँ घूमना, निर्माण कार्य, पालतू जानवरों को चरना आदि पूर्णत: प्रतिबंधित होती हैंI
National Park का महत्व-
🪐ये वन्यजीवों और उनके आवासों को मानवीय प्रभावों और विनाश से बचाते हैं।
🪐ये जानवरों को जीवित रहने और प्रजनन के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान करते हैं।
🪐ये प्राकृतिक सुंदरता की रक्षा करते हैं और कई स्थानिक प्रजातियों के घर होते हैं।
🪐ये आदि वासियों से सम्बंधित स्थानों को भी संरक्षित रखते हैं।
इनका मुख्य उद्देश्य जैव विविधता का संरक्षण होता है।
Wild Life Sanctuary-
🪐जबकि Wild Life Sanctuary, वो स्थान होते हैं जो स्पेशली वन्यजीवों के लिए आरक्षित है, इसमें जानवर, सरीसृप, कीड़े, पक्षी आदि शामिल हैं। वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 भारत में संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना का प्रावधान करता है, और इसी के अंतर्गत इन Wild Life Sanctuary की स्थापना की गई है। देश में लगभग 560 Wild Life Sanctuary हैंI
🪐ये संरक्षित क्षेत्र जंगली जानवर, विशेष रूप से वो जिनके ऊपर विलुप्त होने का खतरा है, के संरक्षण से सम्बंधित होते हैं ताकि वो बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के अपनी आबादी को बनाए रखें। इन क्षेत्रों में जानवरों का शिकार, और उनको मारना वर्जित होता है।
Wild Life Sanctuary का महत्व-
🪐endangered species की रक्षा के लिए Wild Life Sanctuaries की स्थापना की गई है।
🪐Wild Life Sanctuaries में endangered species की विशेष निगरानी की जाती है। और उनकी आबादी को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाता है।
🪐Wild Life Sanctuaries में वैज्ञानिक गतिविधियों और रिसर्च की अनुमति होती है ताकि वहां रहने वाले जानवरों के बारे में जानकारी मिल सके।
🪐वन्यजीव अभयारण्य लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षित करते हैं और उन्हें मनुष्यों और शिकारियों से बचाते हैं।