Saturday, September 15, 2018

World Ozone Day

World Ozone Day

               
   जिस तरह वातावरण की मार से बचाने के लिए हमारे शरीर को कपड़ो या ऐसे ही किसी आवरण की आवश्यकता होती है वैसे ही ओजोन परत, पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक किरणों के से बचाती है।
                 वास्तव में ओजोन परत कोई ठोस नहीं अपितु गैस की एक नाजुक ढाल है जो चमत्कारिक तौर पर पृथ्वी के जन-जीवन को संरक्षित रखने में मदद करती है।

कब मनाया जाता है ?
           ओजोन हमारी धरती के लिए बहुत ही महत्व रखती है। इसके सम्बन्ध में पुरे विश्व भर में बहुत सारे प्रयास किये जा रहे हैं, मगर इसे सही रूप देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1982 और 1987 में वैश्विक सभाएं आयोजित की गयी तथा एक प्रोटोकॉल निर्धारित किया गया जिसे मांट्रियल प्रोटोकॉल कहा गया जो की 1987 में दिया गया था। यह सभा कनाडा के मोंट्रियल में आयोजित था इसलिए इसका नाम  मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पड़ा।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (U.N.O.) ने 19 दिसंबर 1994 को 16 सितम्बर को International Day for the Preservation of the Ozone Layer घोषित कर दिया।  1994 में ओजोन परत को हटाने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल 1987 के तहत ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 16 सितंबर को मनाने का घोषणा किया गया जो की प्रोटोकॉल में हस्ताक्षर की तिथि थी। और तब से यह दिन पुरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
16 सितम्बर 1995 पहला वर्ष था जब इस दिवस को दुनिया भर में मनाया गया था।

क्यों मनाया जाता है ?
          ओजोन परत ऑक्सीजन से बने अणुओं की एक परत है जो की हमारे वायुमंडल के समताप मंडल में स्थित है, ओजोन परत की समुद्र ताल से ऊंचाई 15-35 किमी है। ओजोन परत का निर्माण वायुमंडल में ही होता है जब सूरज की किरणों में उपस्थित पराबैंगनी किरण ऑक्सीजन परमाणुओं से क्रिया कर उनको को तोड़ती है और पुनः ऑक्सीजन के कणों को जोड़कर ओजोन का निर्माण करती है। इससे स्पष्ट है की यह परत पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी में आने से रोकती है। और यदि यह पृथ्वी तक पहुंच जाये तो पुरे धरती पर विनाश हो जायेगा क्योंकि पराबैंगनी विकिरण पुरे सजीव समुदाय चाहे पादप हो या जंतु सबके लिए हानिकारक है।
     इसलिए अधिकांश वैज्ञानिकों का मानना है कि बिना ओजोन परत के पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जासकती। ओजोन परत के क्षरण से  पौधों और जीवों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा, यहां तक कि जलीय जीवन भी ओजोन की कमी के कारण नष्ट हो जाएगा।
     ओज़ोन परत में हानि से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने लगा है, इसका उदहारण है सर्दियों में मौसम का अपेक्षाकृत अधिक गर्म होना। गर्मी और सर्दी अब अनियमित रूप से होने लगी हैं और पर्वतों तथा ध्रुवों पर जमा हिमखंड गलना शुरू हो गया है।
     उपरोक्त के अलावा ओज़ोन परत क्षरण से त्वचा सम्बन्धी बीमारियां होने लगी है तथा कैंसर का खतरा बढ़ सा गया है।

ओजोन दिवस कैसे मनाया जाता है ?
          ओजोन के प्रति वैश्विक जागरूकता लाने हेतु राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों का आयोजन, विशेष संगोष्ठी, भाषण, वैज्ञानिक लेख और सरंक्षण के उपायों पर चर्चा किया जाता है।  यह आयोजन विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, वैज्ञानिक संस्थानों तथा राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा कराया जाता है। विद्यालयों - महाविद्यालयों में विज्ञान दिवस भी आयोजित किया जा सकता है।
     यह दिवस सभी धरतीवासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है इसलिए जागरूकता हेतु हम अपने परिवार, दोस्तों और परिचितों के साथ अपने ग्रह को बचने पर अपने योगदान तथा समर्पण हेतु चर्चा कर सकते हैं।
इस दिवस में हानिकारक गैसों के उत्पादन और उपयोग को सीमित करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर चर्चा किया जा सकता है तथा यह भी बताय जा सकता है की ओजोन परत कितनी तेजी से कम हो रही है? ओजोन परत कैसे बनती है और इसमें पैदा हुई कमी को रोकने के क्या उपाय हो सकते हैं?इसके लिए हम सभी संचार माध्यमों, मीडिया आदि का उपयोग भी कर सकते हैं।
     ओजोन दिवस पर जनता को ओजोन और में पर्यावरण के महत्व को बताने और इसे सुरक्षित रखने के महत्वपूर्ण साधनों के बारे में जागरूकता लाकर संपूर्ण बनाया जा सकता है।


ओजोन क्या है ?
          ओजोन मण्डल या ओजोन परत धरती का सुरक्षा कवच  है। इसकी उपस्थिति पृथ्वी की सतह से 15 से 35 किलोमीटर ऊंचाई तक Troposphere के ठीक उपर वाले भाग में है। ओजोन मण्डल या ओजोन परत में ओजोन गैस की मात्रा अधिक होती है। ओजोन का आणविक सूत्र O3   होता है। ओजोन गैस पराबैंगनी
विकिरणों के प्रभाव से ऑक्सीजन का परिवर्तित रूप होता है, इसमें तीक्ष्ण गंध होता है तथा प्रकृति- हल्के नीले रंग की गैस है।

ओजोन मण्डल या ओजोन परत का क्षरण (हानि )
           जैसे- जैसे दुनिया प्राकृतिक नियमों को अनदेखा कर आगे बढ़ने लगी है वैसे-वैसे दुष्परिणाम सामने आने लगा है। इसका ही स्वरुप है की विज्ञान व प्रोद्योगिकी के विकास के साथ ओजोन परत का क्षरण भी बढ़ता जा रहा है।
     ओजोन क्षरण का मुख्य कारण है शीतलन कार्य में उपयोग होने वाले वाले रसायन क्लोरोफ्लोरो कार्बन्स (सी.एफ.सी.) .  इसके अलावा बढ़ते आणविक विस्फोट, कृषि में नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का प्रयोग और समताप मण्डल की ऊंचाई के स्तर पर उड़ने वाले सुपरसोनिक विमानों से छोड़े जाने वाले धुंए जिनमे नाइट्रस ऑक्साइड तथा क्लोरीन के मुक्त परमाणु होते हैं जो वहां फैली हुई ओजोन गैस से क्रिया कर उन्हें पुनः ऑक्सीजन में बदल देते हैं। और ये परिवर्तित ऑक्सीजन पृथ्वी की सतह की और लौटने लगती हैं जिससे वहां पर ओजोन गैस की मात्रा कम हो जाती है और ओजोन का परत धीरे-धीरे क्षीण पड़ने लगता है।


ओजोन सरंक्षण के उपाय 

  • सबसे पहले तो पर्यावरण का संरक्षण करें, 
  • पेड़ पौधों का दोहन काम करें, 
  • क्लोरो फ्लोरो कार्बन्स के उपयोग से बचें, 
  • आणविक विस्फोट को सुरक्षित तौर पर करें 
  • नाइट्रोजन युक्त ईंधन और उर्वरकों को कम करें अथवा इनके व्यवस्थापन की युक्ति इज़ाद करें 
  • लोगों को जागरूक करें की इन सभी हानिकारक माध्यमों या इनके उत्पादों का उपयोग कम करें


ओजोन संरक्षण हेतु थीम 
          ओजोन परत या ओजोन मंडल के संरक्षण की जागरूकता के लिए हर वर्ष एक विषय निर्धारित किया जाता है, इसे ही हम ओजोन थीम कहते हैं और यह थीम साल-दर-साल बदलती रहती है। अर्थात किसी भी थीम को दोबारा दोहराया नहीं जाता। थीम्स में ओजोन परत के संरक्षण के उद्देश्य को शामिल किया जाता है और एक विषय पर आधारित प्रयास को उल्लेखित किया जाता है  । पिछले वर्षों की थीम इस प्रकार हैं :-

  • 2002 का थीम - "हमारे आकाश को बचाएं: खुद को सुरक्षित रखें; ओजोन परत की रक्षा करें"
  • 2003 का थीम - "हमारे आकाश को बचाएं: हमारे बच्चों के लिए ओजोन छेद बहुत अधिक है"
  • 2004 का थीम - "हमारे आकाश को बचाएं: हमारा टारगेट, ओजोन फ्रेंडली प्लैनेट "
  • 2004 का थीम - "हमारे आकाश को बचाएं: हमारा टारगेट, ओजोन फ्रेंडली प्लैनेट "
  • 2005 का थीम - "ओजोन दोस्ताना अधिनियम - सफ़र रहें सुरक्षित!"
  • 2006 का थीम - "ओजोन परत को सुरक्षित रखें, पृथ्वी पर सहेजें जीवन"
  • 2007 का थीम - "20 साल की प्रगति का जश्न"
  • 2008 का थीम - "मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल - वैश्विक लाभ के लिए वैश्विक भागीदारी"
  • 2009 का थीम - "सार्वभौमिक भागीदारी: ओजोन संरक्षण विश्व को एकदम से जोड़ता है"
  • 2010 का थीम - "ओजोन परत संरक्षण: शासन और अनुपालन"
  • 2011 का थीम - "HCFC फेज़-आउट: एक अनूठा अवसर"
  • 2012 का थीम - "आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारे वातावरण की रक्षा करना"
  • 2013 का थीम - "ओजोन दिवस - एक स्वस्थ वातावरण जो हम भविष्य में चाहते हैं"
  • 2014 का थीम - "ओजोन परत संरक्षण - मिशन जारी है"
  • 2015 का थीम - "30 साल - हमारी ओजोन का एक साथ इलाज करना"
  • 2016 का थीम - "ओजोन और जलवायु - विश्व द्वारा पुनर्स्थापित" 
  • 2017 का थीम - "सूर्य के नीचे जीवन का देखभाल"
  • 2018 का थीम - "शांत रहें और लगे रहें "


निष्कर्ष 
           जिस तरह अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता वैसे ही केवल कुछ संगठनों एवं कुछ शासकीय - अशासकीय प्रयासों से हम ओजोन परत के संरक्षण का उद्देश्य पूरा नहीं कर पाएंगे।  इसके लिए हर एक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी तथा स्वयं के प्रयास जारी रखने होंगे जिससे की हमारी धरती को और इसके कवच रूपी ओजोन मंडल को सुरक्षित किया जा सके। ओजोन घटाने वाले पदार्थों का उपयोग बंद कर या फिर संबंधित कटौती के नियंत्रित उपयोगों से हम एक कदम आगे बढ़ सकते हैं। इन प्रयासों से न केवल वर्तमान अपितु भविष्य में भी ओजोन परत की रक्षा करने में मदद मिलेगी।
     अभी तक के किये प्रयासों का भी अच्छा परिणाम अब तक सामने आया है, इसने मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र को हानिकारक पराबैंगनी विकिरण को पृथ्वी तक पहुंचने से सीमित कर दिया है। हमें इस प्रयास को जोर शोर से और आगे ले जाना है। 

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