Tuesday, November 5, 2019

Pegasus Spyware


पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Spyware)


Pegasus Software


पेगासस स्पाइवेयर क्या है (What is Pegasus Spyware)-

पेगासस एक स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जिसे इजराइली साइबर सुरक्षा कंपनी NSO द्वारा विकसित किया गया है।
पेगासस स्पाइवेयर ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो उपयोगकर्त्ताओं के मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियाँ को नुकसान पहुँचाता है।
इस तरह की जासूसी के लिये पेगासस ऑपरेटर एक खास लिंक उपयोगकर्त्ताओं के पास भेजता है, जिस पर क्लिक करते ही यह स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर उपयोगकर्त्ता की स्वीकृति के बिना स्वयं ही इंस्टाल हो जाता है।
इस स्पाइवेयर के नए संस्करण में लिंक की भी आवश्यकता नहीं होती सिर्फ एक मिस्ड विडियो काल के द्वारा ही इंस्टाल हो जाता है। पेगासस स्पाइवेयर इंस्टाल होने के बाद पेगासस ऑपरेटर को फोन से जुडी सारी जानकारियाँ प्राप्त हो जाती हैं।
पेगासस स्पाइवेयर की प्रमुख विशेषता ये है कि यह पासवर्ड द्वारा रक्षित उपकरणों को भी निशाना बना सकता है और यह मोबाइल के रोमिंग में होने पर डाटा नहीं भेजता।
पेगासस मोबाइल में संगृहीत सूचनाएँ, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे कम्युनिकेशन एप्स के संदेश स्पाइवेयर ऑपरेटर को भेज सकता है।
यह स्पाइवेयर, उपकरण की कुल मेमोरी का 5% से भी कम प्रयोग करता है, जिससे प्रयोगकर्त्ता को इसके होने का आभास भी नहीं होता।
पेगासस स्पाइवेयर ब्लैकबेरी, एंड्रॉयड, आईओएस (आईफोन) और सिंबियन-आधारित उपकरणों को प्रभावित कर सकता है।
पेगासस स्पाइवेयर ऑपरेशन पर पहली रिपोर्ट 2016 में सामने आई, जब संयुक्त अरब अमीरात में एक मानवाधिकार कार्यकर्त्ता को उनके आईफोन 6 पर एक एसएमएस लिंक के साथ निशाना बनाया गया था।

प्रमुख बिंदु (Important Facts):-

रिपोर्ट के अनुसारभारत में भी इस स्पाइवेयर द्वारा पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं को निशाना बनाया गया।
गौरतलब है की व्हाट्सएप ने पेगासस स्पाइवेयर विकसित करने वाली कंपनी एन.एस. ग्रुप (NSO Group) पर संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय न्यायालय में मुकदमा दायर किया है।
रिपोर्ट के अनुसारयह स्पाइवेयर विश्व भर में लगभग 1400 मोबाइल उपकरणों पर भेजा गया।
जिसमे विश्व भर के कम-से-कम 100 मानवाधिकार कार्यकर्त्तापत्रकार और सिविल सोसाइटी के सदस्य शामिल हैं।


चर्चा में क्यों? (Why in News)-


हाल ही में लोकप्रिय मेसेजिंग प्लेटफोर्म व्हाट्सएप ने दावा किया कि इज़राइली स्पाइवेयरपेगासस (Pegasus) द्वारा विश्व भर के लगभग 20 देशों में व्हाट्सएप प्रयोगकर्त्ताओं की गोपनीयता और व्यक्तिगत सूचनाओं की जासूसी की गई।





Monday, September 2, 2019

Difference between IB and RAW

Difference Between IB & RAW




IB and RAW image

                    सभी प्रकार के शासक चाहे पुराने समय के राजा महाराजा हों या वर्तमान में किसी देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री अपने राज्य के शांति, खुशहाली एवं आंतरिक सुदृढ़ता के लिए ख़ुफ़िया जासूसों या ऐसी ही किसी संस्था का सहयोग लेते रहें हैं। जो कि एक राज्य या देश की सूचनाएँ दूसरे राज्य या देश के शासकों/राजाओं को दिया करते थे। इसी तरह के जासूस आज भी विश्व के हर देश में मौजूद हैं,बल्कि अब तो एक देश ने अपनी कई ख़ुफ़िया एजेंसियां भी बना ली है जैसे- अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसियों में FBI (देश के अंदर ऑपरेशन) और CIA (देश के बाहर ऑपरेशन)रूस में KGB (केजीबी)पाकिस्तान में आईएसआई(ISI) और इजरायल में मोसाद है।                      भारत में IB (आईबी), RAW (रॉ), NIA (एनआईए) और CBI (सीबीआई) प्रमुख खुफिया एजेंसियां हैं। 
                इस लेख में हम आईबी और रॉ के बीच प्रमुख अंतरों को समझने की कोशिश कर रहें हैं। 

IB - इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence Bureau

Intelligence Bureau - IB image

             इंटेलिजेंस ब्यूरो ( Intelligence Bureau IB - आईबी) की स्थापना ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान की गई थी। इंटेलिजेंस ब्यूरो की स्थापना 23 दिसंबर, 1887 को लंदन में भारत के विदेश सचिव द्वारा "केंद्रीय विशेष शाखा" के रूप में की गई थी। वर्ष 1920 में इसका नाम बदलकर "इंटेलिजेंस ब्यूरो" रखा गया था। 
                                 इसके स्थापना का मुख्य कारण था सन 1857 का असफल सिपाही विद्रोह जिसने अंग्रेजी सरकार को एक खुफिया संगठन बनाने के लिए मजबूर कर दिया था ताकि अंग्रेज, भारत के सभी हिस्सों में भारतीय विद्रोहियों और राजाओं की गतिविधियों पर नजर रख सकें और उनके विद्रोहों को समय रहते दबा सकें।

                                         इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB आईबी), दुनिया के सबसे पुराने खुफिया संगठनों में शामिल है।  IB (आईबी - इंटेलिजेंस ब्यूरो) का मुख्य काम भारत के उन तत्वों पर कड़ी नजर रखना है जो कि देश को तोड़ने के काम के लगे हुए हैं और इसके माध्यम से देश के आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना ही इस एजेंसी का मुख्य उद्देश्य है। 
                                                             IB आईबी के कार्यों में प्रमुख है काउंटर इंटेलिजेंससीमावर्ती क्षेत्रों में खुफिया जानकारी जुटाने,  काउंटर आतंकवाददेश विरोधी गतिविधियों पर नियंत्रणआधारभूत संरचना के रखरखाव और वीआईपी सुरक्षा के काम करना है। इस प्रकार कहें तो इंटेलिजेंस ब्यूरो के कार्यों का कोई निर्धारित प्रारूप नहीं है।
              समय - समय पर इंटेलिजेंस ब्यूरो  अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और इज़राइल आदि देशों के सुरक्षा एजेंसियों के साथ जानकारी साझा भी करता है। 
             इंटेलिजेंस ब्यूरो, तकनीकी रूप से गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करता है। 


RAW - Research and Analysis Wing (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग -रॉ) 

             
research & analysis wing image

                   जब 1962 और 1965 के युद्ध में भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी IB नाकाम हो गयी तब  सरकार ने विदेशी खुफिया ऑपरेशनों विशेषकर चीन और पाकिस्तान के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो से अलग एजेंसी की स्थापना 1968 में की और इसका नाम रखा गया "Research and Analysis Wing - RAW (रॉ) ". 
                 RAW - रॉ, भारत के सभी पडोसी देशों की गतिविधियों पर नजर रखती है, लेकिन इसका मुख्य फोकस पाकिस्तान और चीन की गतिविधियों पर रहता है। इन सभी देशों से प्राप्त ख़ुफ़िया जानकारी को रॉ, भारत के नीति निर्माताओं और सेना को प्रदान करता है जिससे देश में सीमा सुरक्षा को पुख्ता किया जाता है तथा बाहरी हमलों से निपटने की रणनीति जाती है। 
                RAW (रॉ) का मुख्य कार्य भारत के पडोसी देशों की गतिविधियों पर नजर रखना है। इसमें शामिल है कौन सा देश किस देश के साथ क्या समझौता कर रहा है, कौन से राजनेता कहाँ-कहाँ दौरे पर हैं, सैन्य या परमाणु समझौते, सामरिक गतिविधियों इत्यादि। इसके अलावा RAW इन देशों में अपने गुप्त एजेंटों के माध्यम से गुप्त ऑपरेशन भी आयोजित करता है।
                  सूत्रों की मानें तो RAW (रॉ) ने बांग्लादेश के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इस एजेंसी ने बांग्लादेश की मुक्ति बाहिनी सेना को प्रशिक्षित किया था जो की पाकिस्तान से आजादी के लिए लड़ रही थी। 


आईबी (IB ) और रॉ (RAW) में क्या मुख्य अंतर

वर्ष 1968 तक Intelligence Bureau (आईबी) भारत के आंतरिक और बाहरी खुफिया दोनों प्रकार के ऑपरेशनों के लिए जिम्मेदार था लेकिन इसके बाद आंतरिक और विदेशी मामलों के जवाबदारी को पृथक किया गया था और इस कारण से IB & RAW में मुख्य अंतर हैं -

1. IB  (इंटेलिजेंस ब्यूरो), भारत की आंतरिक खुफिया एजेंसी है। यह अपने ऑपरेशन देश के भीतर संचालित करती है जबकि RAW (रॉ), भारत का अनुसंधान और विश्लेषण विंग है और भारत की बाहरी(विदेशी) खुफिया एजेंसी के रूप में काम करती है।
2. IB  (इंटेलिजेंस ब्यूरो), मुख्य रूप से काउंटर इंटेलिजेंस, काउंटर आतंकवाद, वीआईपी सुरक्षा, देश विरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण, सीमावर्ती क्षेत्रों में खुफिया जानकारी जुटाने और आधारभूत संरचना के रखरखाव के काम करती है। जबकि RAW (रॉ) का मुख्य काम भारत के पडोसी देशों की गतिविधियों पर नजर रखना और एजेंटो द्वारा गुप्त ऑपरेशन चलाना है। 

3. IB  (इंटेलिजेंस ब्यूरो), अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों और पुलिस के साथ खुफिया जानकारी शेयर करता है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के पास यह शक्ति है कि वह ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने के लिए बिना किसी की अनुमति के किसी का भी फ़ोन टेप कर सकता है। जबकि RAW (रॉ) ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने के लिए रिश्वत, पिटाई, जासूसी, मनोवैज्ञानिक टेस्टएजेंटों की नियुक्ति, ख़ुफ़िया पक्षियों को सीमा पर उड़ाना ( जिस प्रकार पाकिस्तान द्वारा भारत की सीमा में भेजा गया ख़ुफ़िया कबूतर) इत्यादि का सहारा लेता है।

4. IB  (इंटेलिजेंस ब्यूरो) की स्थापना ब्रिटिशकाल में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों और राजाओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए की गयी थी, जबकि RAW (रॉ) की स्थापना भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल देशों पर नजर रखने के लिए की गयी है।

5. IB  (इंटेलिजेंस ब्यूरो) में भारतीय पुलिस सेवा, कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों और सेना के कर्मचारी एवं सीधी भर्ती से भी कर्मचारी चुने जाते हैं। शुरुआत में RAW (रॉ) प्रशिक्षित खुफिया अधिकारियों की सेवाओं पर निर्भर था लेकिन बाद में सेना, पुलिस और अन्य सेवाओं के लोगों को भी इसमें शामिल किया जाने लगा है। अब RAW (रॉ) के पास अपना सेवा कैडर है जिसे रिसर्च एंड एनालिसिस सर्विस (RAS) कहा जाता है।

6. IB  (इंटेलिजेंस ब्यूरो) को 1887 में स्थापित किया था। यह गृह मंत्रालय के शासन के अधीन है। दूसरी ओर RAW (रॉ) ने अपना काम 1968 में शुरू किया था और यह सीधे भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन रखा गया है।

                           उपर्युक्त बिंदुओं से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि IB  (इंटेलिजेंस ब्यूरो) और RAW (रॉ) की स्थापना के पीछे मूल उद्देश्य भारत के आंतरिक और बाहरी दुश्मनों से भारत की रक्षा करना है। 





*सोशल मीडिया से प्राप्त जानकारी पर आधारित *