Thursday, September 18, 2025

chhattisgarh ke kshetriya rajvansh

chhattisgarh ke kshetriya rajvansh

छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय राजवंश  

राजर्षितुल्य वंश

·           यह छत्तीसगढ़ का प्रथम स्थानीय राजवंश है

·           इनका शासन 4-6 वीं शताब्दी तक था

राजधानी

आरंग (जिला-रायपुर)

शासनकाल

चौथी से छठवीं शताब्दी

शासनकाल के संबंध में स्त्रोत

आरंग ताम्रपत्र (भीमसेन-II)

क्षेत्र

दक्षिण कोसल

 

राजर्षितुल्य कुल के प्रमुख शासक –

1. सुरा

2. दयित-I

3. विभीषण

4. भीमसेन – I

5. दयित – II

6. भीमसेन – II

     

राजर्षितुल्य कुल के महत्वपूर्ण तथ्य –

§  इसके शासक सूरा के कारण इसे सूरवंश के नाम से भी जाना जाता है

§  आरंग ताम्रपत्र से ही इस राजवंश के शासकों के संबंध में जानकारी मिलती है ।

§  उपाधि – राज्ययोगी

§  भीमसेन – II ने हरिस्वामी और बोप्पस्वामी को गाँव दान में दिया था (आरंग ताम्रपत्र के अनुसार )

§  आरंग ताम्रपत्र में सुवर्ण नदी का उल्लेख मिलता है ।

§   राजर्षितुल्य वंश का संबंध तत्कालीन कलिंग नरेश खारवेल से था ।

गुप्तों की अधीनता स्वीकार की थी, (अनुमानत: गुप्त संवत के उपयोग के कारण) ।


No comments:

Post a Comment