सिंधु
जल संधि क्या है?
what
is indus water treaty?
सिंधु
जल संधि (indus water treaty)क्या है?
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सिंधु
जल संधि (indus water treaty) - सिंधु एवं इसके सहायक नदियों
के जल के अधिकतम उपयोग के लिए भारत सरकार और पाकिस्तान सरकार के बीच की गई संधि
है.
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19 सितंबर, 1960 को कराची (पाकिस्तान) में
पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंक (अब विश्व बैंक) की मध्यस्थता
में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति
अयूब खान द्वारा इस संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे.
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इस
संधि के अंतर्गत तीन पूर्वी नदियों (रावी, व्यास, सतलुज और उनकी सहायक नदियां) और तीन पश्चिमी
नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब और उनकी सहायक नदियां)
के जल वितरण और हिस्सेदारी की व्यवस्था की गई है.
पाकिस्तान
की आपत्ति
भारत
चेनाब पर पनबिजली परियोजना के लिए दो बांध बना रहा है- 48 मेगावाट क्षमता की लोअर कालनाई और 1,500 मेगावाट क्षमता का पाकल दुल.
पाकिस्तान पाकल दुल बांध को लेकर चिंतित है और आरोप लगा रहा है कि यह सिंधु जल
समझौते का उल्लंघन है.
पाकिस्तान के अनुसार पाकल दुल बांध की ऊंचाई 1,708 मीटर हो सकती है, जिससे पाकिस्तान में आने
वाले पानी की मात्रा कम हो सकती है.
पाकिस्तान का कहना है कि इससे भारत अपनी
इच्छासनुसार पानी रोकने या छोड़ने में सक्षम हो जाएगा.
भारत
के वाटर कमीशनर पीके सक्सेना और पाकिस्तान के वाटर कमीशनर सैय्यद मेहर अली शाह
हैं.
सिंधु
जल समझौते के अनुसार भारत अगर चेनाब पर बांध बनाने की योजना बनाता है, तो उसे काम शुरू करने से
क़रीब छह महीने पहले पाकिस्तान को इसके बारे में जानकारी देनी होगी.
भारत
ने सिंधु जलसंधि पर पाकिस्तान की आपत्तियों को खारिज किया
भारत
ने चेनाब नदी पर अपनी दो पनबिजली परियोजनाओं के बारे में पाकिस्तान की आपत्तियों
को खारिज कर दिया है. सिंधु जलसंधि पर पाकिस्तान के साथ उच्चस्तरीय द्विपक्षीय
बातचीत पूरी होने पर यह बात कही गई. यह दो दिवसीय बातचीत थी.
इमरान
खान प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली आधिकारिक बातचीत थी.
बातचीत पूरी होने के बाद, पाकिस्तान के सिंधु जल
आयुक्त सैयद मेहर अली शाह ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई ब्योरा और कोई बयान नहीं दिए
जाएंगे.
बैठक
के मुख्य बिंदु
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भारत
ने चेनाब नदी पर 1000 मेगावाट की पाकल दुल बांध और 48 मेगावाट लोअर कलनाल पनबिजली परियोजनाओं के
निर्माण पर पाकिस्तान की आपत्तियां खारिज कर दीं.
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भारत
ने पाकिस्तान को आमंत्रित किया है कि वह अपने विशेषज्ञों को अगले महीने पाकल दुल
बांध और लोअर कलनाल पनबिजली परियोजनाओं के स्थल पर भेजे ताकि उसकी आशंकाएं दूर की
जा सकें.
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पाकिस्तानी
अधिकारियों ने पाकल दुल बांध की ऊंचाई पांच मीटर कम करने के लिए कहा लेकिन भारतीय
अधिकारियों ने उसे मानने से इन्कार कर दिया.
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लोअर
कालनाल प्रोजेक्ट को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों ने कुछ तकनीक आधारित चिंताएं
व्यक्त की थीं.