सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization)
सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) या हड़प्पा सभ्यता ( Harappan Civilization)
यह भारतीय इतिहास
का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है और UPSC / PSC / ssc जैसी परीक्षाओं में बार-बार पूछा जाता है।
सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके ज्यादा साक्ष्य हड़प्पा नामक स्थान
पर प्राप्त हुए हैं। यह काल
निर्धारण और साक्ष्यों के आधार पर कांस्ययुगीन सभ्यता माना जाता है।
सिंधु घाटी सभ्यता लगभग 3300 ई.पू.( ईसा
पूर्व) से 1300 ईसा पूर्व तक
फैली थी और 2600-1900 ई.पू. के मध्य में अपने परिपक्व काल में थी।
सिंधु घाटी सभ्यता भारत, पाकिस्तान और
अफगानिस्तान के बड़े हिस्से में फैली हुई थी, और सिंधु नदी के किनारे विकसित हुई।
सिंधु घाटी सभ्यता की मुख्य विशेषताएं इसका उन्नत नगर नियोजन, विस्तृत जल निकासी प्रणाली, और ईंटों से बने घर हैं, जिसके प्रमुख केंद्र हड़प्पा और मोहनजोदड़ो थे।
समय और खोज
हड़प्पा और मोहनजोदड़ो सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) के दो सबसे प्रसिद्ध शहर हैं, जो सिंधु नदी के किनारे विकसित हुए थे।
Ø इस सभ्यता की खोज चार्ल्स मेसन ने की थी
Ø
दयाराम साहनी ने 1921 में हड़प्पा का उत्खनन किया।
Ø सिन्धु घाटी सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है।
Ø समय अवधि – 2500 ई.पू. से 1750 ई.पू. (लगभग)
Ø खोजकर्ता –
o 1921 ई. में हरप्पा (पंजाब, पाकिस्तान) – दयाराम साहनी
o 1922 ई. में मोहनजोदड़ो (सिंध, पाकिस्तान) – राखलदास बनर्जी
o इसलिए इसे हड़प्पा सभ्यता (Harappan Civilization) भी कहते हैं।
विस्तार
सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) का विस्तार मुख्य रूप से सिन्धु नदी के आसपास पाई गई है, इसके विस्तार को
समझने हेतु निम्न स्थलों पर महत्वपूर्ण साक्ष्य प्राप्त हुए हैं -
Ø यह सभ्यता पंजाब से लेकर गुजरात तक फैली थी।
Ø प्रमुख स्थल –
o हड़प्पा (पंजाब, पाकिस्तान)
o मोहनजोदड़ो (सिंध, पाकिस्तान)
o लोथल (गुजरात)
o धोलावीरा (गुजरात)
o कालीबंगन (राजस्थान)
o बनावली (हरियाणा)
o राखीगढ़ी (हरियाणा) – भारत का सबसे बड़ा स्थल
Ø हड़प्पा :- यह उत्खनन किया गया पहला शहर था, जिसके नाम पर सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता पड़ा.
Ø मोहनजोदड़ो :- यह सिंधु नदी के किनारे स्थित सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक था.
Ø धोलावीरा :- कच्छ के रण में स्थित यह स्थल एक महत्वपूर्ण केंद्र था और इसे 2021 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया.
नगर योजना
सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) की पहचान ही नगर योजना के लिए की जाती है, इसके महत्वपूर्ण तथ्य हैं -
Ø शहरों की योजना सुनियोजित ग्रिड प्रणाली पर आधारित थी।
Ø सड़कें एकदूसरे को समकोण पर काटती थीं।
Ø मकान पक्की ईंटों से बने होते थे।
Ø प्रमुख विशेषता = उन्नत जल निकासी प्रणाली (Drainage System)।
आर्थिक जीवन
सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) में जीवन यापन के लिए हड़प्पा कालीन या सिन्धु सभ्यता काल के लोग अलग अलग
कार्य करते थे, इस संबंध में विभिन्न साक्ष्य प्राप्त हुए हैं -
Ø कृषि
o मुख्य फसलें – गेहूँ, जौ, कपास, तिल, खजूर
o लोथल से धान के अवशेष मिले हैं।
Ø व्यापार
o आंतरिक और बाहरी व्यापार दोनों।
o मेसोपोटामिया से व्यापार के प्रमाण।
o मुद्रा का प्रयोग नहीं, बल्कि बिनिमय प्रणाली।
o लोथल में एक बंदरगाह था, जो एक महत्वपूर्ण व्यापार केंद्र था।
Ø उद्योग
o कुम्हारी,
o मनके बनाना,
o धातु उद्योग,
o कपड़ा उद्योग।
सामाजिक और धार्मिक जीवन
Ø समाज वर्ग आधारित नहीं था।
Ø स्त्रियों को सम्मान।
Ø धर्म –
o माता देवी या मातृका देवी (Mother Goddess) की पूजा
o पशुपति महादेव की उपासना (त्रिमुखी योगी की मुहर से प्रमाण)
o वृक्ष पूजा (पीपल, बरगद)
o अग्नि वेदी (कालीबंगन से)
कला और संस्कृति
Ø नृत्य करती हुई युवती (Dancing Girl – कांस्य की मूर्ति, मोहनजोदड़ो)
Ø पशुपति मुहर
Ø मिट्टी की मूर्तियाँ
Ø मोती, आभूषण, मनके
राजनीतिक जीवन
Ø केंद्रीकृत शासन का स्पष्ट प्रमाण नहीं।
Ø संभवतः नगरराज्य (City States) थे।
लिपि और भाषा
Ø हड़प्पावासी एक विशेष चित्रलिपि (Pictographic Script) का प्रयोग करते थे।
Ø लिपि आज तक अपठित है।
विशेषताएं
सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) के व्यापक अध्यययन और साक्ष्यों के अनुसार इसकी विशेषताएँ -
Ø उन्नत नगर नियोजन :- इसके शहरों में सुनियोजित सड़कें, पकी ईंटों से बने घर और जल निकासी व्यवस्था शामिल थी।
Ø व्यापार और कला :- यह सभ्यता अपनी उन्नत कला, विशेष रूप से मिट्टी की मूर्तियों और मुहरों के लिए जानी जाती थी।
Ø शहरीकरण :- पहली बार नगरों के उदय के कारण इसे "प्रथम नगरीकरण" भी कहा जाता है।
Ø कांस्य युग :-यह सभ्यता कांस्य युग का प्रतिनिधित्व करती थी, हालांकि अन्य समकालीन सभ्यताओं की तुलना में कांस्य के उपकरण कम परिष्कृत और कम मात्रा में थे।
Ø संस्कृति :- यह अपनी कलात्मक कृतियों के लिए जानी जाती थी, जिसमें टेराकोटा की मूर्तियाँ, मुहरें और पाषाण कलाकृतियाँ शामिल थीं।
Ø सिंधु लिपि :- इस सभ्यता ने एक लेखन प्रणाली विकसित की, जिसे सिंधु लिपि या हड़प्पा लिपि कहा जाता है, लेकिन इसे अभी तक समझा नहीं जा सका है।
पतन के कारण
इतिहासकारों और शिक्षाविदों के अध्यययन के अनुसार पतन सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) के विनाश और पतन के कारण –
· जलवायु परिवर्तन :- जलवायु में बदलाव, जैसे सरस्वती नदी का सूखना, इस सभ्यता के पतन का एक कारण हो सकता है.
· नदी मार्ग में बदलाव:- सिंधु नदी और अन्य नदियों के मार्ग में परिवर्तन से मोहनजोदड़ो जैसे शहरों का पतन हुआ होगा.
·
बाढ़ और भूकंप :-
बाढ़ और भूकंप से भी बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ होगा और व्यापार नेटवर्क बाधित
हुआ होगा, जिससे सभ्यता का पतन हुआ.
· आर्यों का आक्रमण
· व्यापार का पतन
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य
विभिन्न राज्यों की
परीक्षाओं psc, UPSC,SSC आदि के लिए सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य -
· पहली खोज – 1921 (हरप्पा), 1922 (मोहनजोदड़ो)
· भारत का सबसे बड़ा स्थल – राखीगढ़ी (हरियाणा)
· पाकिस्तान का सबसे बड़ा स्थल – मोहनजोदड़ो
· नृत्य करती हुई युवती – मोहनजोदड़ो
· धान का प्रमाण – लोथल
· अग्नि वेदी – कालीबंगन
· कपास का सबसे पहला प्रमाण – हड़प्पा
सारांश
सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) विश्व की सबसे प्राचीन नगरीय सभ्यता थी, जिसमें उन्नत नगर योजना, जल निकासी व्यवस्था, कृषि और व्यापार की विशेषता थी। यह सभ्यता भारतीय संस्कृति की नींव थी।
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